एनआईए की जांच में आरविंद केजरीवाल: प्रो-खालिस्तान सिख्स फॉर जस्टिस के साथ गुरपत्वंत सिंह पन्नू

दिल्ली के मुख्यमंत्री आरविंद केजरीवाल के खिलाफ एनआईए (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) की जांच में गहरे संदेह उभरे हैं। प्रो-खालिस्तान संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (Sikhs For Justice) के मुखिया गुरपत्वंत सिंह पन्नू ने केजरीवाल के खिलाफ भ्रांतिपूर्ण आरोप लगाए हैं। इस जांच के संदर्भ में, नेता पन्नू ने कहा कि केजरीवाल ने उन्हें प्रो-खालिस्तान संगठन के साथ मिलकर दिल्ली में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की साजिश की है। इसके बारे में नेता केजरीवाल ने खारिज किए गए आरोपों का खंडन किया है। इस घटना के संदर्भ में, एनआईए की जांच में एक और मोड़ जुड़ गया है जिसमें आरोपी और आरोप लगाने वाले दोनों की खामोशी सुनने को मिल रही है।

गुरपत्वंत सिंह पन्नू ने इस बयान में कहा, “आरविंद केजरीवाल द्वारा सिखों को आतंकवाद के जाल में फंसाने की साजिश है।” उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने कई सिख संगठनों को समर्थन दिया है, जिन्होंने खालिस्तान के लिए आवाज उठाई है। पन्नू ने आगे कहा कि वे एनआईए में इस मामले की जांच की मांग करेंगे।

केजरीवाल ने इन आरोपों का खंडन किया और उन्होंने कहा कि ये सभी आरोप बेतुकी और गलत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार सिर्फ सिख समुदाय के विकास और सुरक्षा के पक्ष में काम कर रही है। इसके अलावा, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने कभी भी किसी भी आतंकी संगठन को समर्थन नहीं किया है और न किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दिया है।

एनआईए की जांच के दौरान, इस मामले को गंभीरता से लेने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही, इस मामले में सभी पक्षों की सुनवाई की जाएगी ताकि सच्चाई का पता लग सके। इस घटना के संदर्भ में, सोशल मीडिया पर भी इस विवाद को लेकर अभिव्यक्ति का समर्थन और विरोध दोनों हो रहे हैं।

इस मामले में न्याय की पूरी तरह से होने की उम्मीद की जा रही है और सभी पक्षों को न्याय मिलेगा। इसके अलावा, सरकारी विभागों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों को रोका जाए और देश की सुरक्षा को मजबूत किया जाए।