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सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव ने मांगी माफी

सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव ने मांगी माफी

सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि के विज्ञापनों को लेकर हुई विवादित घटना में, योग गुरु बाबा रामदेव ने मांगी माफी। उन्होंने कहा कि विज्ञापनों में गलत जानकारियाँ नहीं होनी चाहिए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बाबा रामदेव से जवाबी प्रतिबंध भी लगा दिया गया था।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक बेंच के नेतृत्व में आया था, जो पतंजलि के द्वारा विज्ञापनों की सत्यता पर सवाल उठाता है। बाबा रामदेव ने कोर्ट में यह वादा किया कि वे अपने विज्ञापनों में सत्य का पालन करेंगे।

पतंजलि के विज्ञापनों की कई बार सत्यता पर सवाल उठे हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में एक समिति गठित की थी, जिसमें विज्ञापनों की सत्यता की जाँच की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से जवाबी प्रतिबंध भी लगाया था, जिसमें उन्हें कोर्ट में प्रेसिडेंट नहीं बनाने दिया गया था। इससे पहले बाबा रामदेव ने विज्ञापनों की सत्यता के लिए खुद का जवाब देने की घोषणा की थी।

बाबा रामदेव के अधिकारियों ने यह भी कहा कि पतंजलि के विज्ञापनों में किसी भी प्रकार की गलत जानकारी नहीं होगी, और वे कोर्ट के आदेश का पूरा अनुपालन करेंगे।

इस घटना के पीछे कई सामाजिक और नैतिक मुद्दे हैं, जिसमें विज्ञापनों की सत्यता और उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा शामिल है। पतंजलि के विज्ञापनों के सत्यता के मामले में अनियमितताओं की शिकायतें दर्ज की गई हैं।

इस मामले में बाबा रामदेव ने जवाबी प्रतिबंध को स्वीकार किया है, जिसका मतलब है कि उन्हें किसी भी प्रकार के विज्ञापन या प्रमोशनी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।

बाबा रामदेव ने इस मुद्दे पर चिंतितता जताई और कहा कि वे अपने विज्ञापनों को और अधिक जांचेंगे और सत्यता का पूरा ध्यान रखेंगे। इससे पहले भी पतंजलि के विज्ञापनों में अनियमितताओं की शिकायतें दर्ज की गई थीं।

बाबा रामदेव के इस धारावाहिक ने समाज में विवाद उत्पन्न किया था और वे इसे हल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसके साथ ही, वे आम लोगों के लिए स्वस्थ जीवन और योग के महत्व को भी बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं।

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