कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने अधीर रंजन चौधरी को दी चेतावनी, कहा ‘निर्णय लेने वाले आप नहीं’

अधीर रंजन चौधरी को खरगे की सख्त चेतावनी: ‘निर्णय लेने वाले आप नहीं हैं, आदेश का पालन करें या पार्टी से बाहर हो जाएंगे’

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को सख्त चेतावनी दी है। हाल ही में ममता बनर्जी को लेकर चौधरी के बयानों के बाद पार्टी में तनाव उत्पन्न हो गया था। खरगे ने चौधरी को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि पार्टी में निर्णय लेने का अधिकार केवल शीर्ष नेतृत्व के पास है और अनुशासनहीनता किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

पार्टी के वरिष्ठ नेता खरगे ने चौधरी को चेतावनी दी कि यदि उन्होंने अनुशासन का पालन नहीं किया तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। खरगे का यह कदम पार्टी में अनुशासन और एकता को बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। चौधरी द्वारा दिए गए बयान में उन्होंने ममता बनर्जी के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा।

खरगे ने अपने बयान में कहा, “यह निर्णय लेने का अधिकार आपके पास नहीं है, आपको आदेशों का पालन करना होगा अन्यथा पार्टी से बाहर कर दिए जाएंगे।” खरगे की यह टिप्पणी चौधरी के बयानों के बाद आई, जिसमें उन्होंने ममता बनर्जी की आलोचना की थी। खरगे ने कहा कि पार्टी में किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शीर्ष नेतृत्व के आदेशों का पालन करना सभी का कर्तव्य है।

पार्टी के भीतर इस घटनाक्रम ने हलचल मचा दी है। कई वरिष्ठ नेताओं ने भी खरगे के बयान का समर्थन किया है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि खरगे का यह कदम पार्टी में अनुशासन और एकता को बनाए रखने के लिए आवश्यक था।

चौधरी ने अपने बयान में ममता बनर्जी को लेकर कहा था कि वह किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं चाहतीं और उन्होंने कांग्रेस के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इस बयान के बाद से ही पार्टी के अंदर खलबली मच गई थी। खरगे के इस सख्त रुख से स्पष्ट है कि पार्टी अब अनुशासनहीनता को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी और सभी नेताओं को शीर्ष नेतृत्व के आदेशों का पालन करना होगा।

पश्चिम बंगाल कांग्रेस में भी इस चेतावनी का व्यापक असर देखा जा रहा है। पार्टी के कई नेता अब अधिक सतर्क हो गए हैं और किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता से बचने का प्रयास कर रहे हैं। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि यह कदम पार्टी के हित में है और इससे पार्टी की छवि को सुधारने में मदद मिलेगी।

खरगे ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी के सभी नेताओं को एकजुट होकर काम करना होगा और किसी भी प्रकार के विवाद को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी भी प्रकार के व्यक्तिगत मतभेदों को दरकिनार कर सभी को एकजुट होकर काम करना होगा ताकि पार्टी मजबूत हो सके और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सके।

इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस पार्टी अब अनुशासन और एकता को सर्वोपरि मान रही है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के इस सख्त रुख से यह संदेश गया है कि किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी नेताओं को पार्टी के हित में काम करना होगा।

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के प्रति चौधरी के बयानों से उत्पन्न विवाद के बाद खरगे की यह सख्त चेतावनी पार्टी के भीतर अनुशासन को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम के रूप में देखी जा रही है। पार्टी के कई नेता अब और अधिक सतर्क हो गए हैं और किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता से बचने का प्रयास कर रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी में इस घटनाक्रम के बाद से हलचल मची हुई है और सभी नेता अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आदेशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। खरगे की इस सख्त चेतावनी से यह स्पष्ट है कि पार्टी अब किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी और सभी नेताओं को एकजुट होकर पार्टी के हित में काम करना होगा।