ईरान की धमकी: संयुक्त राज्य की बेसों पर हमला करेगा अगर इजराइल का समर्थन किया गया
ईरान ने संयुक्त राज्य अमेरिका को धमका दिया है कि अगर वह इजराइल के समर्थन में आगे बढ़े, तो उसके बेसों पर हमला किया जा सकता है। इस धमकी के पीछे इरान का मुख्य मुद्दा है अमेरिका के इजराइल के पक्ष में रवैया।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो जोए बाइडेन के नेतृत्व में जो संयुक्त राज्य ने हाल ही में इजराइल के समर्थन में कई कदम उठाए हैं। ईरान ने अमेरिका को धमकाते हुए कहा कि अगर इजराइल के समर्थन में आगे बढ़ा, तो उसके बेसों पर हमला किया जाएगा।
इसके पीछे ईरान का मुख्य मुद्दा है कि वह इजराइल के समर्थन में संयुक्त राज्य की नीति का विरोध करता है। इससे पहले भी ईरान ने अपनी आत्मरक्षा की दिशा में अमेरिका के इजराइल के समर्थन में कड़ा धड़का दिया है।
संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बीच, ईरान का ऐलान उसके औपचारिक धमकी तानाशाही का रूप लेता है। यह इरान और उसके समर्थकों के बीच विवाद को नए स्तर पर उठा सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो जोए बाइडेन के प्रशासन का कहना है कि वह इजराइल के समर्थन में खड़ा है, जो अमेरिका की पूर्व नीतियों से भिन्न है। ईरान की इस धमकी के बाद, विशेषज्ञों ने सुरक्षा समस्याओं की चिंता जताई है।
यह धमकी संवेदनशील संदेश है, जो दक्षिण एशिया के इस क्षेत्र में नई तनाव की संभावना को बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तानाशाही धमकी का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी समर्थन को कमजोर करना है।
इसके बावजूद, संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने समर्थन की प्रतिबद्धता जताई है, और इसे विश्व समुदाय के साथ साझा करने का आह्वान किया है। अब यह देखा जाएगा कि इस तनावपूर्ण समय में अमेरिका कैसे प्रतिक्रिया देता है, और क्या इससे इस क्षेत्र में नई तनाव उत्पन्न होता है।