शोधकर्ताओं का दावा: डेंगू के मरीजों में लंबे समय तक बनी रहती हैं स्वास्थ्य समस्याएं, कोविड से भी ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह

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डेंगू के बाद लंबे समय तक बनी रह सकती हैं स्वास्थ्य समस्याएं, शोधकर्ताओं ने कोविड से भी ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी

डेंगू बुखार, जो कि एक मच्छर जनित वायरल संक्रमण है, अपने तीव्र लक्षणों के कारण जाना जाता है, लेकिन शोधकर्ताओं ने अब यह चेतावनी दी है कि डेंगू से संक्रमित मरीजों को लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन समस्याओं के गंभीरता को देखते हुए, विशेषज्ञों ने लोगों को कोविड-19 से भी अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है।

हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया कि डेंगू से उबरने के बाद भी मरीजों को लंबे समय तक थकान, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, और अन्य शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कुछ मामलों में, इन लक्षणों ने मरीजों के सामान्य जीवन को भी प्रभावित किया है, जिससे उनकी कार्यक्षमता में कमी आई है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि डेंगू के बाद होने वाली ये स्वास्थ्य समस्याएं केवल कुछ हफ्तों या महीनों तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि यह लंबे समय तक बनी रह सकती हैं। इसके अलावा, डेंगू के गंभीर मामलों में हृदय, यकृत, और तंत्रिका तंत्र से संबंधित जटिलताएं भी देखी गई हैं, जो मरीज की जीवन गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता ने कहा, “डेंगू के बाद मरीजों में देखी जाने वाली दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज करना बेहद खतरनाक हो सकता है। हमने पाया है कि कुछ मरीज महीनों तक थकान और कमजोरी से जूझते रहते हैं, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।”

कोविड-19 महामारी के बाद, लोगों में स्वास्थ्य संबंधी सतर्कता बढ़ी है, लेकिन डेंगू को लेकर अब भी उतनी जागरूकता नहीं है जितनी होनी चाहिए। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जैसे-जैसे मौसम बदलता है, मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनती हैं, और इस समय डेंगू संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।

डेंगू से बचाव के लिए विशेषज्ञों ने निम्नलिखित सावधानियों पर जोर दिया है:

  1. मच्छरों से बचाव: मच्छरों से बचने के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का उपयोग करें। मच्छरों के काटने से बचाव के लिए रिपेलेंट्स का प्रयोग करें।
  2. पानी का जमाव रोकें: घर के आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि मच्छर साफ पानी में अंडे देते हैं। ऐसे स्थानों को नियमित रूप से साफ करें जहां पानी इकट्ठा हो सकता है।
  3. स्वास्थ्य पर ध्यान दें: डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, और शरीर पर लाल चकत्ते जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
  4. पर्याप्त आराम और हाइड्रेशन: डेंगू के बाद शरीर को ठीक होने में समय लगता है, इसलिए पर्याप्त आराम करें और हाइड्रेटेड रहें।

शोधकर्ताओं ने यह भी सुझाव दिया है कि डेंगू से उबरने वाले मरीजों को नियमित स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए, ताकि किसी भी दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्या का पता समय रहते लगाया जा सके।

इससे पहले कोविड-19 के बाद की स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर भी कई अध्ययन हुए थे, लेकिन अब डेंगू के प्रभावों को लेकर की गई यह नई खोज इस बात की ओर इशारा करती है कि डेंगू को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। कोविड-19 की तरह ही, डेंगू भी गंभीर और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है, और इसलिए इससे बचाव के लिए अत्यधिक सतर्कता की आवश्यकता है।

इन अनुसंधानों ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई बहस छेड़ दी है कि मौसमी बीमारियों के प्रभावों को कैसे समझा जाए और उनसे निपटने के लिए किस तरह की रणनीतियों की आवश्यकता है।

फिलहाल, विशेषज्ञों का कहना है कि जितनी जागरूकता कोविड-19 के प्रति बढ़ी है, उतनी ही डेंगू और अन्य मच्छर जनित बीमारियों के प्रति भी होनी चाहिए। इससे न केवल इन बीमारियों से बचा जा सकता है, बल्कि उनकी दीर्घकालिक जटिलताओं से भी राहत पाई जा सकती है।