राष्ट्रपति मुर्मू का स्वतंत्रता दिवस पर संबोधन: भारत के आधारभूत ढांचे में ऐतिहासिक सुधार
भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित किया और देश के आधारभूत ढांचे में हुए बड़े सुधारों पर प्रकाश डाला। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी है, जिससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था को बल मिला है, बल्कि आम नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है।
राष्ट्रपति ने बताया कि देश में सड़कों, रेलवे, और हवाई अड्डों का विस्तार किया गया है, जिससे दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों को भी मुख्यधारा से जोड़ा जा सका है। इसके साथ ही, स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत योजना के तहत शहरों में अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, जो शहरीकरण की चुनौतियों का सामना करने में महत्वपूर्ण सिद्ध हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने डिजिटल इंडिया अभियान के तहत इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल सेवाओं को भी सुदृढ़ किया है। इससे न केवल लोगों को बेहतर सेवाएं मिल रही हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी तेजी से डिजिटल हो रही है। इसके परिणामस्वरूप छोटे और मध्यम उद्योगों को भी प्रगति के नए अवसर मिल रहे हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कृषि क्षेत्र में हुए सुधारों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कृषि में नई तकनीकों और सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि हो रही है। इससे न केवल देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और अन्य योजनाओं की भी सराहना की, जिनसे किसानों को आर्थिक सहायता प्राप्त हो रही है।
स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में हुए सुधारों पर भी राष्ट्रपति ने ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे देश के हर वर्ग को लाभ हुआ है और समाज में समता और समृद्धि का माहौल बना है।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने देशवासियों से एकजुट होकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत की विविधता ही उसकी ताकत है और हमें एकजुट रहकर आगे बढ़ना होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस सिर्फ एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है अपने देश के प्रति हमारे कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को याद करने का। उन्होंने कहा कि हमें अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए और राष्ट्र की उन्नति के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
राष्ट्रपति का यह संबोधन देशवासियों के लिए प्रेरणादायक रहा और उन्होंने देश के विकास में अपना योगदान देने के लिए एकजुट होने का संकल्प लिया। इस अवसर पर राष्ट्रभक्ति का माहौल पूरे देश में देखने को मिला और लोगों ने उत्साहपूर्वक स्वतंत्रता दिवस के समारोहों की तैयारी की।
इस प्रकार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर किया गया यह संबोधन देशवासियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है और उन्होंने भारत के उज्ज्वल भविष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है।