माउंट एवरेस्ट पर जमा ठंडे शव और कचरा; सफाई में लगेंगे सालों

माउंट एवरेस्ट पर जमा ठंडे शव और कचरा

माउंट एवरेस्ट, जो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है, पर हजारों पर्वतारोही हर साल चढ़ाई करते हैं। लेकिन इस चढ़ाई के साथ एक गंभीर समस्या भी सामने आई है – पर्वतारोही अपने पीछे कचरे का अंबार और ठंडे शव छोड़ जाते हैं, जो सफाई के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं।

पिछले कुछ दशकों में, एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। हर साल लगभग 400-500 पर्वतारोही एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा, लगभग 60,000 पर्यटक सागरमाथा नेशनल पार्क और बफर जोन में आते हैं, जो एवरेस्ट और उसके आसपास के क्षेत्रों को कवर करता है।

एवरेस्ट पर कचरे की समस्या 1980 और 1990 के दशक में पहली बार स्पष्ट हुई जब पर्वतारोहियों और ट्रेकर्स की संख्या बढ़ने लगी। पर्वतारोही अपने पीछे टेंट, खाने के पैकेट, खाली ऑक्सीजन सिलेंडर, और यहां तक कि मानव मल भी छोड़ देते हैं। हर पर्वतारोही एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान लगभग 8 किलोग्राम (17.6 पाउंड) कचरा उत्पन्न करता है।

एवरेस्ट पर​ ​हर साल, कई पर्वतारोही एवरेस्ट की चढ़ाई के दौरान अपनी जान गंवा देते हैं। कुछ बर्फीले तूफान में फंस जाते हैं, जबकि अन्य ऊँचाई से गिर जाते हैं या ऊँचाई पर होने वाली बीमारियों से पीड़ित होते हैं। पर्वत की कठिनाई और ऊँचाई के कारण, इन शवों को नीचे लाना बहुत कठिन और जोखिम भरा होता है। इसलिए, कई शव वहीं पड़े रहते हैं जहां वे मरे थे।

नेपाल सरकार और अन्य संगठनों ने एवरेस्ट पर कचरे की समस्या को हल करने के लिए कई कदम उठाए हैं। 2014 में, नेपाल सरकार ने ए​ ​ जिसके तहत हर पर्वतारोही को एवरेस्ट बेस कैंप से ऊपर चढ़ाई करते समय 8 किलोग्राम कचरा वापस लाना अनिवार्य है, अन्यथा उन्हें $4,000 का जमा वापस नहीं मिलेगा।

इसके अलावा, सागरमाथा प्रदूषण नियंत्रण समिति (SPCC), जो स्थानीय शेरपा लोगों द्वारा 1991 में स्थापित की गई थी, कचरे की निगरानी और बेस कैंप की सफाई का कार्य करती है। 2019 में स्थापित सागरमाथा नेक्स्ट नामक एक गैर-लाभकारी संगठन ने भी कचरे को कला और स्मृति चिह्न में बदलने की पहल की है और पर्यटकों को ठोस कचरे के बैग लुकला एयरस्ट्रिप तक ले जाने के लिए प्रेरित किया है।

हालांकि इन प्र​ तक समस्या का समाधान हुआ है, लेकिन एवरेस्ट पर कचरे की समस्या अभी भी बहुत बड़ी है। सफाई अभियान जारी हैं, लेकिन यह एक धीमी प्रक्रिया है और इसमें कई साल लग सकते हैं। इसके अलावा, एवरेस्ट पर ठंडे शवों को नीचे लाना अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

माउंट एवरेस्ट पर बढ़ते कचरे और ठंडे शवों की समस्या को हल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और अत्याधुनिक तकनीक की जरूरत है। जब तक ये प्रयास जारी रहेंगे, तब तक एवरेस्ट पर सफाई और कचरा​ ​में और अधिक कदम उठाने की जरूरत होगी।​​

4o