प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी की कांग्रेस में वापसी की तैयारी
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने कांग्रेस में वापसी की इच्छा जताई है। हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) छोड़ने के बाद, उन्होंने कांग्रेस के हाईकमान से मुलाकात का समय मांगा है ताकि अपनी वापसी पर चर्चा कर सकें।
अभिजीत मुखर्जी, जो पहले कांग्रेस सांसद रह चुके हैं, ने कुछ साल पहले टीएमसी में शामिल होने के बाद अब कांग्रेस में वापस आने का निर्णय लिया है। उनकी यह वापसी पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है, खासकर पश्चिम बंगाल में जहां कांग्रेस के प्रभाव में कमी आई है।
अभिजीत मुखर्जी ने बताया कि वे कांग्रेस के सिद्धांतों और विचारधाराओं में विश्वास रखते हैं और इसी कारण वे पार्टी में लौटना चाहते हैं। उनके अनुसार, उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के साथ अपने अनुभवों से बहुत कुछ सीखा है, लेकिन वे कांग्रेस के लिए अपनी सेवा जारी रखना चाहते हैं।
मुखर्जी ने कहा, “कांग्रेस पार्टी मेरे पिता की पार्टी थी और मैंने भी इसी पार्टी से राजनीति में कदम रखा था। अब समय आ गया है कि मैं अपनी जड़ों की ओर लौटूं और कांग्रेस को मजबूत बनाने में अपना योगदान दूं।”
सूत्रों के अनुसार, अभिजीत मुखर्जी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की योजना बनाई है और उम्मीद है कि जल्द ही उनकी पार्टी में वापसी की औपचारिक घोषणा हो सकती है। कांग्रेस पार्टी ने भी मुखर्जी की वापसी को सकारात्मक रूप में देखा है और इसे पार्टी के लिए एक लाभदायक कदम माना है।
मुखर्जी के कांग्रेस में लौटने से पार्टी को पश्चिम बंगाल में एक नई ऊर्जा मिल सकती है। हाल के वर्षों में, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हुई है, और टीएमसी का प्रभुत्व बढ़ता गया है। मुखर्जी की वापसी से कांग्रेस को एक नई दिशा मिल सकती है और पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हो सकता है।
इसके अलावा, मुखर्जी ने यह भी संकेत दिया है कि वे कांग्रेस की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध हैं और पार्टी के सिद्धांतों के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा, “कांग्रेस हमेशा से ही एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक पार्टी रही है, और मैं इन्हीं सिद्धांतों में विश्वास रखता हूं।”
अभिजीत मुखर्जी की कांग्रेस में वापसी से यह भी संकेत मिलता है कि पार्टी के अंदरूनी मतभेद और विभाजन को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुखर्जी की वापसी से पार्टी को उनके अनुभव और नेतृत्व का लाभ मिल सकता है, जिससे पार्टी की स्थिति मजबूत हो सकती है।
मुखर्जी की कांग्रेस में वापसी के साथ ही, पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं में भी एक नई उम्मीद और उत्साह जागृत हुआ है। यह देखना दिलचस्प होगा कि मुखर्जी की वापसी कांग्रेस के भविष्य पर क्या प्रभाव डालती है और पार्टी किस तरह से इसे अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करती है।