मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी अधिनियम में बड़ा बदलाव: 1 जुलाई से नए नियम
भारतीय टेलीकॉम उद्योग में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की घोषणा की गई है, जिसके अंतर्गत मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) अधिनियम में संशोधन किया गया है। यह संशोधन 1 जुलाई से प्रभावी होगा, जिससे उपभोक्ताओं को अपने मोबाइल नंबर को एक सेवा प्रदाता से दूसरे सेवा प्रदाता में पोर्ट करने की प्रक्रिया में अधिक सुविधा और तेजी मिलेगी।
इस संशोधन के माध्यम से, सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए, टेलीकॉम उद्योग में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और सेवा की गुणवत्ता में सुधार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस संशोधन के तहत, पोर्टिंग प्रक्रिया को अधिक सरल और उपभोक्ता-अनुकूल बनाया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को अपने मोबाइल नंबर को बिना किसी जटिलता के आसानी से पोर्ट करने में मदद मिलेगी।
इस संशोधन की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- पोर्टिंग प्रक्रिया का समय कम होगा: पहले जहां पोर्टिंग प्रक्रिया में 7 से 15 दिन लगते थे, वहीं अब इसे 3 से 5 दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।
- डिजिटलीकरण: पोर्टिंग प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा मिलेगी।
- पारदर्शिता: उपभोक्ताओं को पोर्टिंग स्थिति की जानकारी रियल-टाइम में मिलेगी, जिससे उन्हें प्रक्रिया की प्रगति की सतत जानकारी रहेगी।