सितंबर माह में ESI योजना के तहत 18 लाख से अधिक नए श्रमिकों का पंजीकरण

सितंबर में ESI योजना के तहत 18 लाख नए श्रमिकों का पंजीकरण: आर्थिक पुनरुत्थान की नई किरण

भारतीय श्रम बाजार में सितंबर माह ने एक नई उम्मीद जगाई है। कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) योजना के अंतर्गत इस माह में 18 लाख से अधिक नए श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है, जो कि न केवल श्रम बाजार में सुधार का संकेत है, बल्कि आर्थिक पुनरुत्थान की ओर भी इशारा करता है।

ESI योजना, जो कि भारत सरकार की एक पहल है, श्रमिकों को स्वास्थ्य सेवाएं और बीमारी, गर्भावस्था, दुर्घटना आदि के दौरान आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस योजना का उद्देश्य श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।

सितंबर माह के इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि देश में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। इसका सीधा संबंध आर्थिक गतिविधियों के सुधार से है। पिछले कुछ महीनों में, विशेषकर महामारी के बाद, भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेजी से विकास किया है। इस विकास ने नए रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया है।

इस वृद्धि का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह न केवल शहरी क्षेत्रों में, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी देखा गया है। विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि निर्माण, मैन्युफैक्चरिंग, स्वास्थ्य सेवा, और खुदरा व्यापार में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

ESI योजना के तहत पंजीकरण में इस वृद्धि का एक और पहलू यह है कि यह श्रमिकों के बीच जागरूकता और सामाजिक सुरक्षा के प्रति उनकी बढ़ती रुचि को दर्शाता है। यह बताता है कि श्रमिक अब अपने अधिकारों और सुरक्षा के प्रति अधिक सचेत हैं।

इस वृद्धि का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह श्रमिकों को एक स्थिर और सुरक्षित कार्य परिवेश प्रदान करता है। ESI योजना के तहत, श्रमिकों को चिकित्सा लाभ, बीमारी और दुर्घटना के दौरान आर्थिक सहायता, और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलते हैं। यह उन्हें अपने काम के प्रति अधिक समर्पित और उत्साहित बनाता है।

इसके अलावा, यह वृद्धि भारत सरकार की उन नीतियों का परिणाम है जो रोजगार सृजन और श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देती हैं। सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए सुधारों और पहलों ने इस वृद्धि में योगदान दिया है।