सुप्रीम कोर्ट ने उठाए दिल्ली में ऑड-ईवन नियम पर सवाल, कृषि आग पर तत्काल रोक लगाने के आदेश

सुप्रीम कोर्ट

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन यातायात नियम पर सवाल उठाए हैं और इसके साथ ही कृषि आग पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए हैं। यह फैसला दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए आया है।

सुप्रीम कोर्ट ने ऑड-ईवन नियम की प्रभावशीलता पर संदेह जताया है और सरकार से इस नियम के परिणामों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस नियम के तहत, सम-विषम तारीखों पर केवल सम-विषम नंबर प्लेट वाली गाड़ियों को ही सड़क पर चलने की अनुमति होती है। इसका उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि कृषि आग, जो फसल अवशेषों को जलाने से उत्पन्न होती है, पर तत्काल रोक लगाई जाए। इस तरह की आग से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है, खासकर उत्तर भारत में।

इस फैसले का व्यापक प्रभाव पड़ेगा। एक ओर, जहां ऑड-ईवन नियम की समीक्षा से यह स्पष्ट होगा कि क्या यह वास्तव में प्रदूषण को कम करने में प्रभावी है, वहीं दूसरी ओर, कृषि आग पर रोक लगाने से वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

ऑड-ईवन नियम की समीक्षा से यह भी पता चलेगा कि क्या इस नियम से वाहन चालकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है और क्या इससे यातायात में कोई सुधार हो रहा है। इस नियम के प्रभाव को समझने के लिए विस्तृत अध्ययन और विश्लेषण की आवश्यकता है।

कृषि आग पर रोक लगाने का आदेश भी महत्वपूर्ण है। फसल अवशेषों को जलाने से निकलने वाला धुआं न केवल वायु प्रदूषण को बढ़ाता है, बल्कि यह स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। इस आदेश से किसानों को भी अपनी खेती की प्रथाओं में बदलाव करने की दिशा में प्रेरित किया जा सकता है।

हालांकि, इस आदेश के क्रियान्वयन में कई चुनौतियां हैं। किसानों को फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए वैकल्पिक और सस्ते तरीके प्रदान करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, यातायात नियमों की समीक्षा से यह भी स्पष्ट होगा कि क्या इस तरह के नियम वास्तव में प्रदूषण को कम करने में मददगार हैं।

इस फैसले से यह भी स्पष्ट होता है कि सुप्रीम कोर्ट पर्यावरणीय मुद्दों को गंभीरता से ले रहा है और इस दिशा में सक्रिय कदम उठा रहा है। इससे न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश में पर्यावरणीय जागरूकता और संरक्षण के प्रति एक सकारात्मक संदेश जाता है।