छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। बेटिंग ऐप मालिक शुभम सोनी ने एक वीडियो के माध्यम से दावा किया है कि बघेल ने उन्हें दुबई जाने की सलाह दी थी। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है और यह तेजी से वायरल हो रहा है।
शुभम सोनी के अनुसार, उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से कुछ व्यापारिक सलाह और सहयोग की उम्मीद की थी। उनका कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर अपने व्यापारिक योजनाओं की चर्चा की थी। सोनी ने वीडियो में दावा किया कि बघेल ने उन्हें दुबई जाने की सलाह दी थी और कहा था कि वहां उनके व्यापार को बढ़ावा मिल सकता है।
वीडियो में सोनी ने यह भी कहा कि उन्होंने बघेल से अपने बेटिंग ऐप के बारे में बातचीत की थी और उन्हें उम्मीद थी कि राज्य सरकार उनके प्रोजेक्ट को सहयोग देगी। हालांकि, उनका आरोप है कि बघेल ने उन्हें राज्य सरकार के स्तर पर कोई सहयोग नहीं दिया।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल में इजाफा हुआ है। बीजेपी ने इस मौके का फायदा उठाते हुए भूपेश बघेल सरकार पर हमला बोला है। वहीं, कांग्रेस ने इसे एक षड्यंत्र बताते हुए सोनी के आरोपों को खारिज किया है।
Shubham Soni claims that he is the owner of Mahadev Betting app and Ravi Uppal & Saurabh Chandrakar works for him.
He also made allegations against 2008 batch IPS Prashant Agarwal & Verma along with Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel.
Listen his statements👇pic.twitter.com/uDFCYaEAQV
— Pooja Sangwan 🇮🇳 (@ThePerilousGirl) November 5, 2023
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “यह वीडियो साबित करता है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अपने वादों पर खरी नहीं उतर रही है और युवाओं को गुमराह कर रही है।” उन्होंने और भी तंज कसते हुए कहा कि ऐसी सरकार को छत्तीसगढ़ के लोगों ने सत्ता में लाया है जो अपने ही लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है।
वहीं, कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा, “शुभम सोनी के आरोप निराधार हैं और इसके पीछे किसी बड़े षड्यंत्र का हाथ हो सकता है। हमारी सरकार ने हमेशा प्रदेश के विकास और युवाओं के कल्याण के लिए काम किया है।”
इस पूरे मामले को लेकर अब आंखें छत्तीसगढ़ सरकार पर हैं कि वह इस मामले में क्या कदम उठाती है। वहीं, शुभम सोनी के इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
समाप्ति में, यह कहना मुश्किल है कि इस पूरे मामले का अंजाम क्या होगा, लेकिन यह तय है कि इसने छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया तवांग ला दिया है।