कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम.बी. पाटील ने हाल ही में एक बयान देते हुए कहा कि राज्य में कुछ बीजेपी और जनता दल (सेक्युलर) के विधायक कांग्रेस में शामिल होने को तैयार हैं। उनका यह बयान राज्य की राजनीति में एक नई हलचल को दर्शाता है।
पाटील ने कहा, “कई बीजेपी और जेडीएस के विधायक हमसे संपर्क कर रहे हैं और वे कांग्रेस में आना चाहते हैं। हम उनके साथ वार्ता कर रहे हैं और जल्दी ही उनका कांग्रेस में शामिल होना तय हो सकता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार से भी मुलाकात की है।
पाटील के अनुसार, इन विधायकों में से कुछ ने पहले ही कांग्रेस को अपनी शर्तें सौंप दी हैं और उम्मीद है कि जल्दी ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय जरूरत है कि सभी विपक्षी दल एक साथ आकर राज्य सरकार के खिलाफ एकजुट हों।
इस बयान के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बीजेपी ने पाटील के इस बयान को बेबुनियाद बताया है और कहा कि कांग्रेस अपनी असफलता को छुपाने के लिए ऐसी अफवाहें फैला रही है। वहीं, जेडीएस के नेता ने भी इसे सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट कहा है।
कांग्रेस के इस दावे के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा का इंतजार किया जा रहा है। अगर यह दावा सच साबित होता है तो यह राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ले सकता है।
पिछले कुछ समय से कर्नाटक राजनीति में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। पहले बीजेपी के बी.एस. येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब इस तरह के दावों के आने से राज्य की राजनीति में नई चर्चा शुरू हो गई है।
कांग्रेस का यह दावा भी देखा जा रहा है कि वह अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए ऐसे बयान दे रही है। हालांकि, यह भी संभव है कि अगर इन विधायकों का सचमुच कांग्रेस में शामिल होना होता है तो इससे राज्य की सियासी शक्ति संतुलन में बदलाव हो सकता है।
समाप्ति में, एम.बी. पाटील के इस बयान ने कर्नाटक की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है और आने वाले दिनों में इस पर और चर्चाएं होने की संभावना है।