ठाणे पुलिस ने खुलासा किया है कि एक पेमेंट गेटवे सेवा प्रदान करने वाली कंपनी के खाते को हैक किया गया और इससे 16,180 करोड़ रुपये की धनराशि गायब हो गई। इस घोटाले का पता चला जब ठाणे के श्रीनगर पुलिस स्टेशन में इस कंपनी के पेमेंट गेटवे खाते की हैकिंग की शिकायत दर्ज हुई और इसमें 25 करोड़ रुपये की धनराशि गायब हो गई।
जब पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की, तो इस घोटाले की असली रकम 16,180 करोड़ रुपये निकली। ठाणे के अपराध शाखा के एक अधिकारी द्वारा दर्ज एक शिकायत के बाद, नौपड़ा पुलिस ने शुक्रवार को इस मामले में एफआईआर दर्ज की। इस मामले में संजय सिंह, अमोल आंदले, अमन, केदार, समीर दिघे, जितेंद्र पांडेय और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (अविश्वास), 467, 468 (जालसाजी), 120B (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
जितेंद्र पांडेय पहले 8 से 10 साल तक बैंकों में संबंध और बिक्री प्रबंधक के रूप में काम कर चुके हैं। पुलिस मानती है कि इस मेगा घोटाले में कई खिलाड़ी हो सकते हैं, जो कई समय से चल रहा है, और इसका प्रभाव कई कंपनियों और व्यक्तियों पर हो सकता है।
इस अपराध को हजारों बैंक खातों में फैला होने का संदेह है और धनराशि कई अन्य खातों में स्थानांतरित की गई है। पुलिस ने आरोपियों से कई जाली दस्तावेज़ बरामद किए हैं। इस मामले की जांच जारी है।