ग्लेशियर के पिघलने के बाद एक ट्रेकर के अवशेष मिले हैं जो 37 वर्षों से लापता थे। यह घटना विज्ञानियों को एक अनपेक्षित और दुखद सर्प्राइज देने वाली थी, जो ग्लेशियर के पिघलने की गति का अध्ययन कर रहे थे।
The remains of a German mountain climber who disappeared while hiking along a glacier near Switzerland’s iconic Matterhorn mountain in 1986 were recovered, as melting glaciers lead to the reemergence of bodies and objects thought to be long-lost https://t.co/o6Tjn8yV1o pic.twitter.com/PqGo1qnsF9
— Reuters (@Reuters) July 27, 2023
ट्रेकर के अवशेषों की पहचान उनके व्यक्तिगत सामग्री और उपलब्ध डीएनए नमूनों के माध्यम से की गई है। उनके परिवार को सूचित किया गया है और उन्हें इस दुखद समय में संवेदना दी गई है।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करना पड़ रहा है। ग्लेशियरों का पिघलना न केवल समुद्री स्तर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है, बल्कि यह भी साबित करता है कि कितनी तेजी से हमारा ग्रह बदल रहा है।
विज्ञानियों का कहना है कि यह घटना एक चेतावनी है, और हमें जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।